अमेठी में राहुल गां धी की हार देश के कई इलाकों में परिवार और वंशवाद की राजनीति की हार का प्रतिबिंब भी है. हालांकि हिमाचल प्रदेश से अनु राग ठाकुर, राजस्थान से दुष्यंत सिंह और महाराष्ट्र से पूनम महाजन कुछ ऐसे नाम हैं जो बीजेपी में राजनीतिक परिवार से आने वाले नेता हैं- लेकिन वंशवाद की राजनीति के लिए विपक् ष की कांग्रेस और क्षेत्रीय दलों का ही नाम आता है. और लोगों ने इनमें से कई नेताओं को खारिज कर दिया. राहुल के अलावा ज्योतिरादित्य सिंधिया, मिलिंद देवड़ा, जितेन प्रसाद, अशोक चह्वाण जैसे कांग्रेसी वंशवादी नेता हैं जो हार गये. इसके अलावा मुलायम सिंह यादव की बहु डिंपल यादव और उनके भतीजे धर्मेंद्र यादव, लालू यादव की बेटी मीसा भारती और टीआरएस नेता तेलंगा ना के मुख्यमंत्री केसीआर की बेटी कविता भी हैं. (इस रिपोर्ट के फाइल होने तक के रुझानों और परिणामों के अनुसार) निश्चित ही, कनिमोई और भतीजे दयानिधि मारन की जीत के साथ करुणानिधि के डीएमके घराने के कुछ ऐसे लोग भी हैं जो हार से बच गये. लेकिन यह साफ़ है कि वोट पाने के लिए अब आपके पास केवल परिवा र के नाम ही काफी नहीं होगा. कांग्रेसी न